उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के मझगवां थाना पुलिस ने इलाके में आतंक का पर्याय बन चुकी 50 हजार की इनामी दस्यु सुंदरी साधना पटेल को गिरफ्तार किया है। करियन के जंगल से गिरफ्तार हुई साधना के पास से 315 बोर की राइफल भी जब्त की गई हैमध्य प्रदेश के सतना पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल ने बताया कि सात लाख के कुख्यात इनामी डकैत बबली कोल गैंग के खात्मे के बाद मध्य प्रदेश पुलिस सीमावर्ती इलाके में आतंक का पर्याय बनी 50 हजार की इनामी दस्यु सुंदरी साधना पटेल गैंग के सफाये के लिए लगातार अभियान चला रही थी। बीतेदिनों ही साधना गैंग के सदस्य 10 हजार के इनामी डाकू रिंकू उर्फ रवि शिवहरे को भैरम बाबा के जंगल में घेरकर गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से 12 बोर का एक लोडेड कट्टा और जिंदा कारतूस भी बरामद किया गया।
मारपीट व लूट की कई वारदातों को अंजाम दिया।वर्ष 2018 में दस्यु सुंदरी ने नयागांव थाना के पालदेव से छोटकू सेन का अपहरण कर सनसनी फैला दी। फिरौती के लिए छोटकू के हाथ की अंगुलियां काट दी थी। इस घटना में उसके खिलाफ पहला मामला दर्ज हुआ था। भरतकूप चौकी व फतेहपुर थाना क्षेत्र में कई वारदातें की। इसके बाद पथरा पालदेव गांव से छोटेलाल सेन का उसने अपहरण कर फिरोती मांगी थी। इस तरह से उसने धर्मनगरी चित्रकूट से लेकर भरतकूप चौकी क्षेत्र की सीमा से सटे दोनों प्रांतों के गांवों में वारदातों को अंजाम दिया है। पटेल शुरू से ही स्वक्छन्द स्वभाव की रही है। उसके गांव में डकैतों का आना-जाना बना रहता था, पिता की मौत के बाद उसकी मां और पुलिस मुठभेड़ में मारे गए 85 हजार के इनामी डकैत चुन्नीलाल पटेल के घनिष्ठ सम्बन्ध बन गए थे। लगभग 2 साल पहले साधना की नजदीकी सेजवार गांव के डकैत नवल धोबी से बढ़ गई, पर तब वह सीधे तौर पर जंगल में नहीं उतरी थी। गैंग की कमान संभालने के बाद नवल अक्सर उसे अपने साथ रखता था पर वारदात के दौरान घर भेजा देता था, लेकिन जब पुलिस ने गैंग लीडर को सलाखों के पीछे भेज दिया तो उसके इशारे पर गैंग के बचे सदस्यों दीपक व रावेन्द्र को उकसाकर तराई में फिर सक्रिय कर दिया।साधना गैंग ने अगस्त 2018 में भरतकूप के मुकुंदपुर गांव में बाइक सवार दुकानदारों को रोककर पीटा था। सितंबर में भगनपुर गांव के बाहर कुछ राहगीरों को पीटकर नगदी लूटी। मानपुर के पास दो बाइक सवार को रोककर पीटा था। अक्टूबर में ठर्री गांव के एक युवक को अगवा कर नगदी ली थी। इसी माह में रजौला गांव के पास राहगीरों को पीट लूटपाट की थी।
वहीं बंशीपुर निवासी छोटू उर्फ ज्ञानेन्द्र को भी अपने जाल में फंसाकर बंदूक थमा दी। एक तरह से पूरे गिरोह की मास्टरमाइंड बनकर दहशत की नई इबारत लिखने पर आमादा हो गई है दस्यु सुन्दरी। उससे डेढ़ दशक पहले संता खैरवार की प्रेमिका रानी गोंड का आतंक तराई में व्याप्त था, जिस पर पुलिस ने 5 हजार का इनाम रखा था। उसके बाद भी डकैतों की कई प्रेमिकाएं रहीं, लेकिन किसी ने बंदूक नहीं थामी।
मां ने छोड़ा गांव
10 हजार की इनामी हो चुकी दस्यु सुन्दरी साधना पटेल की कुंडली खगालने पुलिस टीम बगहियापुरवा पहुंची तो ज्ञात हुआ कि उसकी मां गांव छोडकऱ जा चुकी है। परिवार में 5 चाचा हैं, जिन्होंने साधना से किसी प्रकार का संबंध ना होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। इस बात ने पुलिस की भी चिंता बढ़ा रखी है कि परिवार से अलग होकर महिला डकैत और खूंखार हो सकती हैदो प्रांतों की सीमा में बसे बीहड़ के गांवों में वारदातों को अंजाम देकर दहशत फैलाने वाली डकैत साधना पटेल इधर गिरोह के ज्यादातर सदस्यों के पुलिस के हाथ लग जाने से वह कमजोर पड़ गई थी। जिससे उसका पुलिस से बचाव करना मजबूरी बन गई। एमपी पुलिस ने गैंग के आधा दर्जन इनामी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था। जिनमें रवि उर्फ रिंकू शिवहरे 10 हजार, दीपक शिवहरे 10 हजार, शिवमूरत कोल 15 हजार व पांच हजार-पांच हजार के इनामी धन्नू उर्फ धनपत खैरवार, दादू सिंह उर्फ पट्टीदार सिंह आदि शामिल है। इनके पास से गैंग के असलहे भी बरामद हुए थे।
पाठा में अकेली महिला डकैत रही साधना
यूपी-एमपी से सटे पाठा के बीहड़ में अभी तक ददुआ, ठोकिया, बलखडिया, रागिया, चुन्नीलाल, चेलवा, बबुली कोल आदि खूंखार इनामी डकैत रहे है। लेकिन इन सभी के बीच साधना पटेल एक मात्र महिला डकैत के तौर पर उभरी। एमपी पुलिस ने साधना पटेल गिरोह को अंतर्राज्यीय गैंग के तौर पर सूचीबद्ध किया था। लेकिन पुलिस दबाव के चलते वह पिछले करीब एक वर्ष से बीहड़ को छोंड शहर की राह पकड़ ली। वह दिल्ली, हरियाणा के बार्डर में रही।