नैन्सी मर्डर: धोखेबाजी, अविश्वास से फीकी पड़ी शादी और खून से रँगेहाथ


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  • नैंसी शर्मा और साहिल चोपड़ा दो सालों से रिलेशनशिप में थे

  • इसी वर्ष 27 मार्च को शादी करने के बाद साहिल नैंसी को को पहली बार अपने घर ले गया

  • साहिल के परिवार का कहना है कि नैंसी ने खुद को अनाथ बताया था, हालांकि उसका परिवार है

  • 10 नवंबर को साहिल ने पत्नी नैंसी को पानीपत ले गया और वहां उसकी हत्या कर दी


26 नवंबर के दिन हरियाणा के पानीपत में सड़क किनारे झाड़ियों में एक लड़की की लाश मिली. लाश की बरामदगी दिल्ली पुलिस ने की. लड़की भी दिल्ली की रहने वाली थी. नाम नैंसी शर्मा, उम्र 20 साल. इस साल मार्च में ही शादी हुई थी. पुलिस हत्या के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों में उसका पति साहिल चोपड़ा और उसके दो साथी शामिल हैं.साहिल अपने पिता का कार डीलरशिप का बिजनेस संभालता है. उसके अंडर काम करने वाले दो लोगों ने- शुभम और बादल ने भी उसका साथ दिया था. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस फिर साहिल को पानीपत के डडलाना गांव लेकर गई. क्योंकि यहीं पर नैंसी के शव को ठिकाने लगाया गया था. उसका शव सड़क किनारे घनी झाड़ियों में मिला. बहुत बुरी तरह से सड़ चुका था. पानीपत के सिविल अस्पताल में शव का पोस्ट मार्टम हुआ. पता लगा कि मौत सिर पर गोली लगने की वजह से ही हुई थी. पुलिस का कहना है कि जिस बंदूक से नैंसी को गोली मारी गई थी, वो उसी की थी. अवैध तरीके से उसके पास थी. इलेक्ट्रिक मोटर बाइंडिंग का काम करने वाले दिल्ली के हरिनगर के संजय शर्मा ने बताया कि बड़ी बेटी 20 वर्षीय नैंसी तीन साल पहले कंप्यूटर सेंटर में कोर्स करती थी। सेंटर के नजदीक ही विकासपुरी में जनकपुरी निवासी 21 वर्षीय साहिल चोपड़ा का कार सेल-परचेज का ऑफिस था। नैंसी 11 नवंबर से लापता थी. उसके पिता संजय शर्मा उसे फोन लगा रहे थे, लेकिन फोन स्विच ऑफ आ रहा था. 26 नवंबर को संजय ने दिल्ली पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने फोन कॉल के रिकॉर्ड छान मारे और साहिल तक पहुंची. कड़ी पूछताछ की, तो साहिल ने हत्या करने की बात कुबूल कर ली. बताया कि शादी के बाद लगातार ही नैंसी से उसकी लड़ाई हो रही थी. इन लड़ाइयों से तंग आकर उसने रिपोर्ट्स के मुताबिक,ने 11 नवंबर के दिन नैंसी के सिर पर गोली मारकर हत्या कर दी.साहिल का विकासपुरी में सेकंड हैंड कारों की सेल-परचेज का फैमिली बिजनेस है। शुभम साहिल के यहां नौकरी करता था, जबकि बादल उसका दोस्त है। बादल करनाल जिले का रहने वाला है। वह पानीपत के उस इलाके को भी अच्छे से जानता था, जहां नैंसी की हत्या की गई।परिवार को धीरे-धीरे यह भी पता चला कि दोनों पश्चिमी दिल्ली के एक फ्लैट में दो वर्षों से साथ रह रहे थे।दो सालों तक गुपचुप रिलेशनशिप में रहे और अपने-अपने परिवारों को दोनों ने भनक तक नहीं लगने दी। फिर शादी की और उसके बाद महज 7 महीने में ही रिश्ते इस कदर बिगड़े की कहानी का अंत पत्नी की खौफनाक हत्या के साथ हुआ। प्यार से तकरार तक पहुंची यह खौफनाक कहानी है, नैन्सी शर्मा और साहिल चोपड़ा की। 10 नवंबर को जब नैन्सी को पति साहिल अपने कजन शुभम और ड्राइवर बादल के साथ लॉन्ग ड्राइव पर ले गया तो उसे (नैन्सी को) बिल्कुल भी शक नहीं था कि पति ने यह यात्रा उसकी जीवन यात्रा खत्म करने के लिए आयोजित की है। आरोप है कि साहिल ने पत्नी नैन्सी को हरियाणा के पानीपत ले जाकर उसके सिर में गोली मार दी और शव को झाड़ियों में फेंक दिया। पुलिस की कड़ी पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल भी कर लिया।


इसी साल मार्च में हुई थी दोनों की शादी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब दो साल पहले नैंसी और साहिल की मुलाकात हुई थी. एक फंक्शन में. दोस्ती हुई और दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे. शादी करने का फैसला किया. नैंसी के घरवाले इसके खिलाफ थे. इसलिए उसने पैरेंट्स की मर्जी के खिलाफ जाकर मार्च में साहिल से शादी कर ली. साहिल के घरवालों ने ही दोनों की शादी करवाई थी. शादी के पहले भी दोनों करीब तीन महीने तक लिव-इन में रहे थे.27 मार्च, 2019 की वह तारीख थी जब साहिल पत्नी नैन्सी के साथ अपने घर पहुंचा और घरवालों को बताया कि दोनों ने शादी कर ली है। परिवार को धीरे-धीरे यह भी पता चला कि दोनों पश्चिमी दिल्ली के एक फ्लैट में दो वर्षों से साथ रह रहे थे। दोनों रोहिणी के एक पब में मिले थे जहां नैन्सी इवेंट मैनेजर की जॉब कर रही थी। साहिल के परिवार का दावा है कि नैन्सी ने खुद के अनाथ होने का नाटक किया था और एक बाल्य गृह का सर्टिफिकेट भी दिखाया था।


इंडियन एक्सप्रेस से हुई बातचीत में संजय शर्मा ने बताया कि साहिल के घरवालों ने काफी शानदार तरीके से शादी करवाई थी. लेकिन नैंसी के पैरेंट्स को इनवाइट नहीं किया गया था. शादी के बाद नैंसी अपने पैरेंट्स से मिलने आती रहती थी. कई बार उसने शिकायत की थी कि साहिल और उसके घरवाले उसे परेशान कर रहे हैं. उससे दहेज मांग रहे हैं. कह रहे हैं कि 20-30 लाख रुपए वो अपने पैरेंट्स से दिलवाए, जिससे साहिल नया बिजनेस शुरू कर सके.


दिवाली के दो दिन पहले संजय ने आखिरी बात नैंसी से बात की थी. 11 नवंबर के बाद से उसका फोन स्विच ऑफ आने लगा. साहिल को भी कॉल नहीं लग पा रहा था. इसलिए फिर उन्होंने साहिल के घरवालों और रिश्तेदारों से बात की. हर बार उन्हें अलग-अलग बातें कहकर टरका दिया जाता था.


एक बार तो कहा कि दोनों घर से पैसे लेकर भाग गए. एक बार कहा गया कि कहीं घूमने गए हैं. एक बार कहा गया कि दोनों फ्रांस में हैं. बस फ्रांस जाने वाली बात पर संजय को शक हो गया. क्योंकि नैंसी के पास तो पासपोर्ट था ही नहीं. उसके बाद फिर संजय ने पुलिस से शिकायत की. अपनी शिकायत में उन्होंने साहिल और उसके घरवालों के ऊपर नैंसी की हत्या के आरोप तो लगाए ही. साथ ही दहेज प्रताड़ना के भी आरोप लगाए हैं.












नैंसी के पिता संजय ने कहा कि साहिल नशे का आदी है। वह नशे के लिए रुपये लाने के लिए नैंसी को तंग करता था।


उसने भी कई बार रुपये दिए। अब रुपये नहीं लाने पर हत्या कर दी। उधर, आरोपित संजय ने पुलिस को बताया कि


नैंसी उसके माता-पिता को बात-बात पर धमकाती थी। इसी वजह से हत्या की है।


चोपड़ा परिवार के दावे 













 

साहिल की मां रोशी चोपड़ा ने कहा, 'हमने यह सोचकर नैन्सी को अपनी बहू स्वीकार कर लिया कि उसका कोई रखवाला नहीं है।' उन्होंने कहा, 'हमने जल्दबाजी में उनके लिए रिस्पेशन का आयोजन किया ताकि लोग विवाह को लेकर हमसे सवाल पूछना बंद कर दें।' चोपड़ा परिवार ने नवविवाहित जोड़े को गोवा के लिए हनीमून ट्रिप का खर्च भी दिया।







लेकिन, जल्द ही शादी का जायका फीका पड़ने लगा और दोनों लड़ने लगे, खासकर रुपये-पैसों के मामले में। चोपड़ा परिवार ने कहा कि नैन्सी के माता-पिता ने कभी उनसे संपर्क नहीं किया। उनका कहना है कि मर्डर केस में गिरफ्तार शुभम ने उन्हें एक औरत का नंबर भी दिया जिसे नैन्सी ने अपनी चाची बताया था। चोपड़ा परिवार के मुताबिक, पहली बार उसे नैन्सी के परिवार के होने का पता तब चला जब वह अपने पिता की फोन कॉल को नजरअंदाज करने लगी।जनकपुरी थाना प्रभारी जयप्रकाश ने बताया कि पूछताछ में आरोपित साहिल ने बताया कि डेढ़ महीना पहले नैंसी के मोबाइल फोन का मेमोरी कार्ड मिला था। इसमें नैंसी की शादी के पहले की ङ्क्षजदगी के राज थे। जो उसे व उसके परिवार वालों को नागवार लगे। इसी वजह से दोनों में डेढ़ महीने से अक्सर झगड़ा होता था। साहिल ने पहले पुलिस को बताया था कि नैंसी उसके माता-पिता को धमकाती थी। इसी वजह से मैंने उसकी हत्या की।


शर्मा परिवार का दावा
हालांकि, नैन्सी के पिता संजय शर्मा का दावा है कि नैन्सी को ससुराल में प्रताड़ित किया जा रहा था। उन्होंने कहा, 'मेरी बेटी घटना से कुछ दिन पहले हमसे मिलने आई थी। तब उसने कहा था कि उसे चोपड़ा परिवार टॉर्चर कर रहा है। वे कहते रहते हैं कि उन्होंने रिसेप्शन पर बहुत पैसे खर्च किए हैं।' नैन्सी का परिवार डीडीयू हॉस्पिटल के पीछे हरिनगर के एक किराये के मकान में रहता है। संजय शर्मा ने कहा कि नैन्सी ने पहली बार दो साल पहले साहिल का परिचय वर्कप्लेस के अपने मित्र के रूप में करवाया था। बाद में उन्हें पता चला कि दोनों ने एक मंदिर में विवाह कर लिया है। उन्होंने बताया कि विवाह के बाद उन्होंने अपने घर पर औपचारिक शादी समारोह का आयोजन किया था। तब तक उन्हें यही पता था कि उनकी बेटी नैन्सी सहेलियों के साथ पीजी में रहती है।




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  2. नैन्सी के पिता ने कहा, 'मैं हरियाणा में एक फैक्ट्री चलाता हूं। नैन्सी के अलावा मेरी दो बेटियां और एक बेटा है। नैन्सी की सैलरी से ही परिवार चलता था। उसने 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद रेस्त्रां में जॉब कर ली थी। जब उसने मुझे कहा कि वह साहिल से प्यार करती है और उसके साथ शादी कर ली है तो मैंने कोई आपत्ति नहीं की।'


मृतका के परिजनों का कहना है कि 9 नवंबर को आरोपियों ने पिस्टल का इंतजाम किया। 10 नवंबर को तीनों आरोपी पानीपत रिफाइनरी के पास जगह की रेकी करके आए थे। , मामले की जांच कर रही जनकपुरी थाना पुलिस का कहना है कि हत्या की योजना 11 नवंबर को ही बनाई गई थी। शर्मा का दावा है कि 11 नवंबर को एक रिश्तेदार ने साहिल की मां से बात की थी जिन्होंने कहा कि नैन्सी अपने पति साहिल के साथ कहीं गई है। उन्होंने बताया, 'जब हमारे पास कुछ दिनों तक कोई कॉल नहीं आई तो मुझे चिंता हुई। नैन्सी की सहेली और उसकी मां को कहा गया कि दोनों फ्रांस में हैं जबकि नैन्सी के पास पासपोर्ट नहीं था।'शर्मा का दावा है कि 22 नवंबर को चोपड़ा परिवार ने उनकी साली से कहा था कि नैन्सी और साहिल घर से 20 लाख रुपये लेकर भाग गए हैं और उन पर पुलिस केस कर दिया गया है। उन्होंने कहा, 'जब मुझे साहिल के परिवार से संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो मैंने 23 नवंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी।'संजय शर्मा ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। वे एसीपी राम से मिले। राष्ट्रीय महिला आयोग की काउंसलर शालू व स्वजनों के साथ थाने गया। पुलिस ने आरोपित साहिल व उसके स्वजनों को भी बुलाया। साहिल बरगलता रहा कि 11 नवंबर को उसने नैंसी को पश्चिमी विहार फ्लाईओवर के पास छोड़ दिया था। पुलिस को शक हुआ और पुलिस ने साहिल के सख्ती से पूछताछ की तो उसने नैंसी की हत्या कबूल ली। आरोपित साहिल, शुभम व बादल के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल खंगाली तो लोकेशन पानीपत की मिली।